आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे है जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जायेंगे। जी हां असम के एक छोटे-से पहाड़ी गांव जटिंगा में हर साल अगस्त-अक्तूबर के दरमियान एक विचित्र एवं रहस्यमयी घटना घटती है, जिसने विश्वभर के वैज्ञानिकों को चकित कर रखा है।
असम के बोरैल हिल्स क्षेत्र में स्थित जटिंगा के निवासियों की नींद हर रात एक अजीब आवाज से टूट जाती है। यह मुख्य रूप से जयन्तिया आदिवासियों का गांव है और रहस्यमय है। इस रहस्यमय चमत्कारिक पक्षी आत्मोत्सर्ग का रहस्योघाटन सर्वप्रथम ई.पी. जी ने सन् 1964 में भारत के जंगली जीव नामक किताब में किया।
रात को सैकड़ों पक्षी बिल्डिंग्स और पेड़ों की ओर उड़ते हुए जाते हैं और उनसे टकराकर मर जाते हैं। ऐसा जटिंगा के डेढ़ किलोमीटर क्षेत्र में ही होता है। यह क्यों होता है इस बारे में अब तक कोई वैज्ञानिक तथ्य सामने नहीं आया है। हैरत की बात तो यह है कि ऐसा केवल अक्टूबर से नवंबर महीने के बीच ही होता है।
असम के बोरैल हिल्स क्षेत्र में स्थित जटिंगा के निवासियों की नींद हर रात एक अजीब आवाज से टूट जाती है। यह मुख्य रूप से जयन्तिया आदिवासियों का गांव है और रहस्यमय है। इस रहस्यमय चमत्कारिक पक्षी आत्मोत्सर्ग का रहस्योघाटन सर्वप्रथम ई.पी. जी ने सन् 1964 में भारत के जंगली जीव नामक किताब में किया।
रात को सैकड़ों पक्षी बिल्डिंग्स और पेड़ों की ओर उड़ते हुए जाते हैं और उनसे टकराकर मर जाते हैं। ऐसा जटिंगा के डेढ़ किलोमीटर क्षेत्र में ही होता है। यह क्यों होता है इस बारे में अब तक कोई वैज्ञानिक तथ्य सामने नहीं आया है। हैरत की बात तो यह है कि ऐसा केवल अक्टूबर से नवंबर महीने के बीच ही होता है।
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